मेघपुर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी का एक नगर । रथनूपुर के राजा ज्वलनजटी को उसकी पुत्री स्वयप्रभा के लिए मंत्री बहुश्रुत ने यहाँ के राजा पद्मरथ का नाम प्रस्तावित किया था । <span class="GRef"> महापुराण 62.25-30, 63, 66, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 15.25 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी का एक नगर । रथनूपुर के राजा ज्वलनजटी को उसकी पुत्री स्वयप्रभा के लिए मंत्री बहुश्रुत ने यहाँ के राजा पद्मरथ का नाम प्रस्तावित किया था । <span class="GRef"> महापुराण 62.25-30, 63, 66, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 15.25 </span></p> | ||
<p id="2">(2) धातकीखंड द्वीप के भरतक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का नगर । धनश्री इसी नगर के राजा धनंजय की पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 252-253 </span></p> | <p id="2">(2) धातकीखंड द्वीप के भरतक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का नगर । धनश्री इसी नगर के राजा धनंजय की पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 252-253 </span></p> | ||
<p id="3">(3) जंबूद्वीप संबंधी भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत की दक्षिण—श्रेणी का एक नगर । विद्याधर अतींद्र यहाँ का राजा था । इंद्र ने वरुण विद्याधर की लोकपाल के रूप में नियुक्ति कर उसे इसी नगर की पश्चिम दिशा में स्थापित किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.2-3, 7.111 </span></p> | <p id="3">(3) जंबूद्वीप संबंधी भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत की दक्षिण—श्रेणी का एक नगर । विद्याधर अतींद्र यहाँ का राजा था । इंद्र ने वरुण विद्याधर की लोकपाल के रूप में नियुक्ति कर उसे इसी नगर की पश्चिम दिशा में स्थापित किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.2-3, 7.111 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
(1) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी का एक नगर । रथनूपुर के राजा ज्वलनजटी को उसकी पुत्री स्वयप्रभा के लिए मंत्री बहुश्रुत ने यहाँ के राजा पद्मरथ का नाम प्रस्तावित किया था । महापुराण 62.25-30, 63, 66, हरिवंशपुराण 15.25
(2) धातकीखंड द्वीप के भरतक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का नगर । धनश्री इसी नगर के राजा धनंजय की पुत्री थी । महापुराण 71. 252-253
(3) जंबूद्वीप संबंधी भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत की दक्षिण—श्रेणी का एक नगर । विद्याधर अतींद्र यहाँ का राजा था । इंद्र ने वरुण विद्याधर की लोकपाल के रूप में नियुक्ति कर उसे इसी नगर की पश्चिम दिशा में स्थापित किया था । पद्मपुराण 6.2-3, 7.111