यमदंड: Difference between revisions
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रावण का मंत्री था। (<span class="GRef"> पद्मपुराण/69/11 </span>)। | रावण का मंत्री था। (<span class="GRef"> पद्मपुराण/69/11 </span>)। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1"> (1) रावण का एक मंत्री । रावण के विद्या-सिद्धि के समय मंदोदरी ने इसे सभी नागरिकों को संयम से रहने की घोषणा कराने का आदेश दिया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 69.11-14 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) रावण का एक मंत्री । रावण के विद्या-सिद्धि के समय मंदोदरी ने इसे सभी नागरिकों को संयम से रहने की घोषणा कराने का आदेश दिया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 69.11-14 </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक विद्यास्त्र । अपने पिता को बंधनों से मुक्त कराने के लिए चंडवेग विद्याधर ने यह अस्त्र अपने बहनोई वसुदेव को दिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 25.48 </span></p> | <p id="2">(2) एक विद्यास्त्र । अपने पिता को बंधनों से मुक्त कराने के लिए चंडवेग विद्याधर ने यह अस्त्र अपने बहनोई वसुदेव को दिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 25.48 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
रावण का मंत्री था। ( पद्मपुराण/69/11 )।
पुराणकोष से
(1) रावण का एक मंत्री । रावण के विद्या-सिद्धि के समय मंदोदरी ने इसे सभी नागरिकों को संयम से रहने की घोषणा कराने का आदेश दिया था । पद्मपुराण 69.11-14
(2) एक विद्यास्त्र । अपने पिता को बंधनों से मुक्त कराने के लिए चंडवेग विद्याधर ने यह अस्त्र अपने बहनोई वसुदेव को दिया था । हरिवंशपुराण 25.48