युगादिपुरुष: Difference between revisions
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युग के आदि में होने से कुलकरों को ही युगादिपुरुष कहते हैं। ये मुख्यतः 14 होते हैं। इन 14 कुलकरों का परिचय − देखें [[ शलाकापुरुष#9 | शलाकापुरुष - 9]]। | युग के आदि में होने से कुलकरों को ही युगादिपुरुष कहते हैं। ये मुख्यतः 14 होते हैं। इन 14 कुलकरों का परिचय − देखें [[ शलाकापुरुष#9 | शलाकापुरुष - 9]]। | ||
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<p id="1"> (1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 105 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 105 </span></p> | ||
<p id="2">(2) युग के आदि मे होने से इस नाम से विख्यात कुलकर । <span class="GRef"> महापुराण 3. 152, 212 </span></p> | <p id="2">(2) युग के आदि मे होने से इस नाम से विख्यात कुलकर । <span class="GRef"> महापुराण 3. 152, 212 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
युग के आदि में होने से कुलकरों को ही युगादिपुरुष कहते हैं। ये मुख्यतः 14 होते हैं। इन 14 कुलकरों का परिचय − देखें शलाकापुरुष - 9।
पुराणकोष से
(1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 105
(2) युग के आदि मे होने से इस नाम से विख्यात कुलकर । महापुराण 3. 152, 212