योगनिःप्रणिधान: Difference between revisions
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<p> सामायिक शिक्षाव्रत के तीन अतिचारों का निरोध । ये अतिचार हैं― मनयोग कुप्रणिधान-(मन का अनुचित प्रवर्तन), वचनयोग दुष्प्रणिधान-(वचन की अन्यथा प्रवृत्ति) और काययोग दुष्प्रणिघान (काय की अन्यथा प्रवृत्ति) । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.180 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सामायिक शिक्षाव्रत के तीन अतिचारों का निरोध । ये अतिचार हैं― मनयोग कुप्रणिधान-(मन का अनुचित प्रवर्तन), वचनयोग दुष्प्रणिधान-(वचन की अन्यथा प्रवृत्ति) और काययोग दुष्प्रणिघान (काय की अन्यथा प्रवृत्ति) । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.180 </span></p> | ||
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Revision as of 16:56, 14 November 2020
सामायिक शिक्षाव्रत के तीन अतिचारों का निरोध । ये अतिचार हैं― मनयोग कुप्रणिधान-(मन का अनुचित प्रवर्तन), वचनयोग दुष्प्रणिधान-(वचन की अन्यथा प्रवृत्ति) और काययोग दुष्प्रणिघान (काय की अन्यथा प्रवृत्ति) । हरिवंशपुराण 58.180