वज्रमालिनी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> त्रिपुर नगर के स्वामी वज्रांगद विद्याधर की स्त्री । वज्रांगद भरतक्षेत्र के नंदनपुर के राजा अमितविक्रम की धनश्री और अनंतश्री कन्याओं को देखकर उन पर आसक्त हो गया था । उसने उन्हें पकड़कर ले जाना चाहा था किंतु इससे भयभीत होकर उसे निराश होते हुए दोनों कन्याओं को वंश वन में छोड़कर लौट जाना पड़ा था । <span class="GRef"> महापुराण 63.12-17 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> त्रिपुर नगर के स्वामी वज्रांगद विद्याधर की स्त्री । वज्रांगद भरतक्षेत्र के नंदनपुर के राजा अमितविक्रम की धनश्री और अनंतश्री कन्याओं को देखकर उन पर आसक्त हो गया था । उसने उन्हें पकड़कर ले जाना चाहा था किंतु इससे भयभीत होकर उसे निराश होते हुए दोनों कन्याओं को वंश वन में छोड़कर लौट जाना पड़ा था । <span class="GRef"> महापुराण 63.12-17 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:57, 14 November 2020
त्रिपुर नगर के स्वामी वज्रांगद विद्याधर की स्त्री । वज्रांगद भरतक्षेत्र के नंदनपुर के राजा अमितविक्रम की धनश्री और अनंतश्री कन्याओं को देखकर उन पर आसक्त हो गया था । उसने उन्हें पकड़कर ले जाना चाहा था किंतु इससे भयभीत होकर उसे निराश होते हुए दोनों कन्याओं को वंश वन में छोड़कर लौट जाना पड़ा था । महापुराण 63.12-17