वनवास: Difference between revisions
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कर्नाटक प्रांत का एक भाग जो आजकल वनौसी कहलाता है । गुणभद्राचार्य के अनुसार इसकी राजधानी बंकापुर थी जो धारवाड़ जिले में है । (म.पु/प्र.49/पं. पन्नालाल) । यह उत्तर कर्नाटक का प्राचीन नाम है जो तुंगभद्रा, और वरदा नदियों के बीच बसा हुआ है । प्राचीन काल में यहाँ कदंब वंश का राज्य था । जहाँ उसकी राजधानी वनवासी स्थित थी, वहाँ आज भी इस नाम का एक ग्राम विद्यमान है । (<span class="GRef"> धवला/ </span>पु.1/प्र.32/H.L. Jain) । | कर्नाटक प्रांत का एक भाग जो आजकल वनौसी कहलाता है । गुणभद्राचार्य के अनुसार इसकी राजधानी बंकापुर थी जो धारवाड़ जिले में है । (म.पु/प्र.49/पं. पन्नालाल) । यह उत्तर कर्नाटक का प्राचीन नाम है जो तुंगभद्रा, और वरदा नदियों के बीच बसा हुआ है । प्राचीन काल में यहाँ कदंब वंश का राज्य था । जहाँ उसकी राजधानी वनवासी स्थित थी, वहाँ आज भी इस नाम का एक ग्राम विद्यमान है । (<span class="GRef"> धवला/ </span>पु.1/प्र.32/H.L. Jain) । | ||
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<p> भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक देश । यह वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित किया गया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.154 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक देश । यह वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित किया गया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.154 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
कर्नाटक प्रांत का एक भाग जो आजकल वनौसी कहलाता है । गुणभद्राचार्य के अनुसार इसकी राजधानी बंकापुर थी जो धारवाड़ जिले में है । (म.पु/प्र.49/पं. पन्नालाल) । यह उत्तर कर्नाटक का प्राचीन नाम है जो तुंगभद्रा, और वरदा नदियों के बीच बसा हुआ है । प्राचीन काल में यहाँ कदंब वंश का राज्य था । जहाँ उसकी राजधानी वनवासी स्थित थी, वहाँ आज भी इस नाम का एक ग्राम विद्यमान है । ( धवला/ पु.1/प्र.32/H.L. Jain) ।
पुराणकोष से
भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक देश । यह वृषभदेव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित किया गया था । महापुराण 16.154