वल्मीक: Difference between revisions
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<p> सर्प-वामी । तपस्यारत बाहुबली के चरणों के पास सर्पों ने वामियाँ बना ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 4.76 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सर्प-वामी । तपस्यारत बाहुबली के चरणों के पास सर्पों ने वामियाँ बना ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 4.76 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सर्प-वामी । तपस्यारत बाहुबली के चरणों के पास सर्पों ने वामियाँ बना ली थी । पद्मपुराण 4.76