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सांगण का एक जैन कवि था जिसने नेमिदूत (नेमि चरित) नाम का ग्रंथ लिखा है। (नेमि चरित/प्र.3/प्रेमीजी)। | सांगण का एक जैन कवि था जिसने नेमिदूत (नेमि चरित) नाम का ग्रंथ लिखा है। (नेमि चरित/प्र.3/प्रेमीजी)। | ||
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<p> रावण का पक्षधर एक राजा । वानरवंशी राजाओं द्वारा राक्षसों की सेना नष्ट किये जाने पर अन्य अनेक राजाओं के साथ यह उसकी सहायता के लिए गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 74.63-64 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> रावण का पक्षधर एक राजा । वानरवंशी राजाओं द्वारा राक्षसों की सेना नष्ट किये जाने पर अन्य अनेक राजाओं के साथ यह उसकी सहायता के लिए गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 74.63-64 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
सांगण का एक जैन कवि था जिसने नेमिदूत (नेमि चरित) नाम का ग्रंथ लिखा है। (नेमि चरित/प्र.3/प्रेमीजी)।
पुराणकोष से
रावण का पक्षधर एक राजा । वानरवंशी राजाओं द्वारा राक्षसों की सेना नष्ट किये जाने पर अन्य अनेक राजाओं के साथ यह उसकी सहायता के लिए गया था । पद्मपुराण 74.63-64