विराम: Difference between revisions
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<p> उक्तिकौशल कला की-स्थान, स्वर, संस्कार, विश्वास, काकु, समुदाय, विराम, सामान्याभिहित, समानार्थत्व और भाषा इन दस जातियों में चौथी जाति । किसी विषय का संक्षेप में उल्लेख करना नियम कहलाता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 24.27-28, 32 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> उक्तिकौशल कला की-स्थान, स्वर, संस्कार, विश्वास, काकु, समुदाय, विराम, सामान्याभिहित, समानार्थत्व और भाषा इन दस जातियों में चौथी जाति । किसी विषय का संक्षेप में उल्लेख करना नियम कहलाता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 24.27-28, 32 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
उक्तिकौशल कला की-स्थान, स्वर, संस्कार, विश्वास, काकु, समुदाय, विराम, सामान्याभिहित, समानार्थत्व और भाषा इन दस जातियों में चौथी जाति । किसी विषय का संक्षेप में उल्लेख करना नियम कहलाता है । पद्मपुराण 24.27-28, 32