वीतमय: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) मेरु गणधर के दूसरे पूर्वभव का जीव । पूर्व धातकीखंड के पश्चिम विदेह क्षेत्र गंधिल देश की अयोध्या नगरी के राजा अर्हद्दास और रानी सुव्रता का पुत्र । यह बलभद्र था । नारायण विभीषण इसका छोटा भाई था । आयु के अंत में नारायण रत्नप्रभा पृथिवी में उत्पन्न हुआ तथा यह अनिवृत्ति मुनि से संयम लेकर तप करके आदित्याभ नाम का लांतवेंद्र हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 59.276-280. </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.111-114 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) मेरु गणधर के दूसरे पूर्वभव का जीव । पूर्व धातकीखंड के पश्चिम विदेह क्षेत्र गंधिल देश की अयोध्या नगरी के राजा अर्हद्दास और रानी सुव्रता का पुत्र । यह बलभद्र था । नारायण विभीषण इसका छोटा भाई था । आयु के अंत में नारायण रत्नप्रभा पृथिवी में उत्पन्न हुआ तथा यह अनिवृत्ति मुनि से संयम लेकर तप करके आदित्याभ नाम का लांतवेंद्र हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 59.276-280. </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.111-114 </span></p> | ||
<p id="2">(2) सिंधु देश का एक नगर । कृष्ण की पटरानी गौरी इसी नगर के राजा मेरु की पुत्री थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 44. 33-36 </span></p> | <p id="2">(2) सिंधु देश का एक नगर । कृष्ण की पटरानी गौरी इसी नगर के राजा मेरु की पुत्री थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 44. 33-36 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:57, 14 November 2020
(1) मेरु गणधर के दूसरे पूर्वभव का जीव । पूर्व धातकीखंड के पश्चिम विदेह क्षेत्र गंधिल देश की अयोध्या नगरी के राजा अर्हद्दास और रानी सुव्रता का पुत्र । यह बलभद्र था । नारायण विभीषण इसका छोटा भाई था । आयु के अंत में नारायण रत्नप्रभा पृथिवी में उत्पन्न हुआ तथा यह अनिवृत्ति मुनि से संयम लेकर तप करके आदित्याभ नाम का लांतवेंद्र हुआ । महापुराण 59.276-280. हरिवंशपुराण 27.111-114
(2) सिंधु देश का एक नगर । कृष्ण की पटरानी गौरी इसी नगर के राजा मेरु की पुत्री थी । हरिवंशपुराण 44. 33-36