वीरभद्र: Difference between revisions
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<p> एक चारणऋद्धिधारी मुनि । ये चारण मुनि गुणभद्र के साथ जठरकौशिक की एक तापसों की बस्ती में आये थे । दोनों ने बस्ती के नायक तपस्वी वशिष्ठ के पंचाग्नि-तप को अज्ञान तप कहा था । इस पर कुपित होकर वशिष्ठ ने इनसे अज्ञान क्या है यह जानने की इच्छा प्रकट की थी । इनके साथी गुणभद्र ने वशिष्ठ को युक्तिपूर्वक समझाया । फलस्वरूप वशिष्ठ ने उनसे दीक्षा लेकर उपवास सहित तप करना आरंभ कर दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 70.322-328 </span>दे वशिष्ठ</p> | <div class="HindiText"> <p> एक चारणऋद्धिधारी मुनि । ये चारण मुनि गुणभद्र के साथ जठरकौशिक की एक तापसों की बस्ती में आये थे । दोनों ने बस्ती के नायक तपस्वी वशिष्ठ के पंचाग्नि-तप को अज्ञान तप कहा था । इस पर कुपित होकर वशिष्ठ ने इनसे अज्ञान क्या है यह जानने की इच्छा प्रकट की थी । इनके साथी गुणभद्र ने वशिष्ठ को युक्तिपूर्वक समझाया । फलस्वरूप वशिष्ठ ने उनसे दीक्षा लेकर उपवास सहित तप करना आरंभ कर दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 70.322-328 </span>दे वशिष्ठ</p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
एक चारणऋद्धिधारी मुनि । ये चारण मुनि गुणभद्र के साथ जठरकौशिक की एक तापसों की बस्ती में आये थे । दोनों ने बस्ती के नायक तपस्वी वशिष्ठ के पंचाग्नि-तप को अज्ञान तप कहा था । इस पर कुपित होकर वशिष्ठ ने इनसे अज्ञान क्या है यह जानने की इच्छा प्रकट की थी । इनके साथी गुणभद्र ने वशिष्ठ को युक्तिपूर्वक समझाया । फलस्वरूप वशिष्ठ ने उनसे दीक्षा लेकर उपवास सहित तप करना आरंभ कर दिया था । महापुराण 70.322-328 दे वशिष्ठ