वैर: Difference between revisions
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साम्यभाव के प्रभाव से जाति विरोधी भी जीव अपना वैर छोड़ देते हैं ।–देखें [[ सामायिक#3.7 | सामायिक - 3.7 ]]। | साम्यभाव के प्रभाव से जाति विरोधी भी जीव अपना वैर छोड़ देते हैं ।–देखें [[ सामायिक#3.7 | सामायिक - 3.7 ]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> वृषभदेव के उनहत्तरवें गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.67 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> वृषभदेव के उनहत्तरवें गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.67 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
साम्यभाव के प्रभाव से जाति विरोधी भी जीव अपना वैर छोड़ देते हैं ।–देखें सामायिक - 3.7 ।
पुराणकोष से
वृषभदेव के उनहत्तरवें गणधर । हरिवंशपुराण 12.67