शक्ति: Difference between revisions
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शक्ति के भेद व लक्षण-देखें [[ स्वभाव ]]। | शक्ति के भेद व लक्षण-देखें [[ स्वभाव ]]। | ||
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<p id="1"> (1) दान-दातार के सात गुणों में दूहरा गुण । दान देने में प्रमाद नहीं करना दाता का शक्ति-गुण कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 20.82-83 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) दान-दातार के सात गुणों में दूहरा गुण । दान देने में प्रमाद नहीं करना दाता का शक्ति-गुण कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 20.82-83 </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक शस्त्र । लक्ष्मण इसी से आहत हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 44. 227, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 62.75-82 </span></p> | <p id="2">(2) एक शस्त्र । लक्ष्मण इसी से आहत हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 44. 227, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 62.75-82 </span></p> | ||
<p id="3">(3) बल । यह तीन प्रकार का होता है― मंत्रशक्ति, उत्साहशक्ति और प्रभुशक्ति । <span class="GRef"> महापुराण 68.60 </span></p> | <p id="3">(3) बल । यह तीन प्रकार का होता है― मंत्रशक्ति, उत्साहशक्ति और प्रभुशक्ति । <span class="GRef"> महापुराण 68.60 </span></p> | ||
<p id="4">(4) हस्तिनापुर नगर का एक कौरववंशी राजा । शतकी इसकी रानी और पराशर इसका पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण 70.101-102 </span></p> | <p id="4">(4) हस्तिनापुर नगर का एक कौरववंशी राजा । शतकी इसकी रानी और पराशर इसका पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण 70.101-102 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
शक्ति के भेद व लक्षण-देखें स्वभाव ।
पुराणकोष से
(1) दान-दातार के सात गुणों में दूहरा गुण । दान देने में प्रमाद नहीं करना दाता का शक्ति-गुण कहलाता है । महापुराण 20.82-83
(2) एक शस्त्र । लक्ष्मण इसी से आहत हुए थे । महापुराण 44. 227, पद्मपुराण 62.75-82
(3) बल । यह तीन प्रकार का होता है― मंत्रशक्ति, उत्साहशक्ति और प्रभुशक्ति । महापुराण 68.60
(4) हस्तिनापुर नगर का एक कौरववंशी राजा । शतकी इसकी रानी और पराशर इसका पुत्र था । महापुराण 70.101-102