शक्तितस्त्याग: Difference between revisions
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<p> तीर्थंकर प्रकृतिबंध की सोलहकारण भावनाओं में एक भावना । शक्ति के अनुसार पात्रों को आहारदान, औषधिदान, अभयदान और ज्ञानदान देना शक्तितस्त्याग-भावना है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.137 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> तीर्थंकर प्रकृतिबंध की सोलहकारण भावनाओं में एक भावना । शक्ति के अनुसार पात्रों को आहारदान, औषधिदान, अभयदान और ज्ञानदान देना शक्तितस्त्याग-भावना है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.137 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें त्याग ।
पुराणकोष से
तीर्थंकर प्रकृतिबंध की सोलहकारण भावनाओं में एक भावना । शक्ति के अनुसार पात्रों को आहारदान, औषधिदान, अभयदान और ज्ञानदान देना शक्तितस्त्याग-भावना है । हरिवंशपुराण 34.137