शतायुध: Difference between revisions
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<p> कौरवों का पक्षधर एक राजा । इसने कृष्ण और अर्जुन को दुःसाध्य समझकर देवी गदा का स्मरण किया था । जैसे ही गदा इसके हाथ आयी कि इसने कृष्ण के गले पर उससे प्रहार किया था । यह गदा कृष्ण के पास पुष्पहार की भांति लटक गयी थी और उससे सुगंध फैलने लगी थी । कृष्ण ने इसी गदा से इसे मारा था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 20.131-139 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> कौरवों का पक्षधर एक राजा । इसने कृष्ण और अर्जुन को दुःसाध्य समझकर देवी गदा का स्मरण किया था । जैसे ही गदा इसके हाथ आयी कि इसने कृष्ण के गले पर उससे प्रहार किया था । यह गदा कृष्ण के पास पुष्पहार की भांति लटक गयी थी और उससे सुगंध फैलने लगी थी । कृष्ण ने इसी गदा से इसे मारा था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 20.131-139 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
कौरवों का पक्षधर एक राजा । इसने कृष्ण और अर्जुन को दुःसाध्य समझकर देवी गदा का स्मरण किया था । जैसे ही गदा इसके हाथ आयी कि इसने कृष्ण के गले पर उससे प्रहार किया था । यह गदा कृष्ण के पास पुष्पहार की भांति लटक गयी थी और उससे सुगंध फैलने लगी थी । कृष्ण ने इसी गदा से इसे मारा था । पांडवपुराण 20.131-139