शिखि: Difference between revisions
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<p> विश्वावसु और ज्योतिष्मती का पुत्र । श्रमण होकर इसने महा तप किया था । आयु के अंत में निदानपूर्वक मरकर यह असुरों का अधिपति चमरेंद्र हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 12.55-56 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> विश्वावसु और ज्योतिष्मती का पुत्र । श्रमण होकर इसने महा तप किया था । आयु के अंत में निदानपूर्वक मरकर यह असुरों का अधिपति चमरेंद्र हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 12.55-56 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
विश्वावसु और ज्योतिष्मती का पुत्र । श्रमण होकर इसने महा तप किया था । आयु के अंत में निदानपूर्वक मरकर यह असुरों का अधिपति चमरेंद्र हुआ । पद्मपुराण 12.55-56