शिविका: Difference between revisions
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== सिद्धांतकोष से == | | ||
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<span class="GRef"> धवला 14/5,4,61/39/2 </span>माणुसेहि बुब्भमाणा सिविया णाम।=जो मनुष्यों के द्वारा उठाकर ले जायी जाती है वे शिविका कहलाती हैं। | <span class="GRef"> धवला 14/5,4,61/39/2 </span>माणुसेहि बुब्भमाणा सिविया णाम।=जो मनुष्यों के द्वारा उठाकर ले जायी जाती है वे शिविका कहलाती हैं। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> दीक्षावन जाने के लिए तीर्थंकरों द्वारा प्रयुक्त पालकी । सर्वप्रथम इसे मनुष्य उठाते हैं । उनके पश्चात् विद्याधर और अंत में देव । <span class="GRef"> महापुराण 17.81, 48.37-38 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> दीक्षावन जाने के लिए तीर्थंकरों द्वारा प्रयुक्त पालकी । सर्वप्रथम इसे मनुष्य उठाते हैं । उनके पश्चात् विद्याधर और अंत में देव । <span class="GRef"> महापुराण 17.81, 48.37-38 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
धवला 14/5,4,61/39/2 माणुसेहि बुब्भमाणा सिविया णाम।=जो मनुष्यों के द्वारा उठाकर ले जायी जाती है वे शिविका कहलाती हैं।
पुराणकोष से
दीक्षावन जाने के लिए तीर्थंकरों द्वारा प्रयुक्त पालकी । सर्वप्रथम इसे मनुष्य उठाते हैं । उनके पश्चात् विद्याधर और अंत में देव । महापुराण 17.81, 48.37-38