षटकर्म: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> वृषभदेव द्वारा प्रजा की आजीविका के लिए बताये गये छ: कार्य । वे हैं― असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प कर्म । <span class="GRef"> महापुराण 16. 179-180, 191, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.35, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 2.154 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> वृषभदेव द्वारा प्रजा की आजीविका के लिए बताये गये छ: कार्य । वे हैं― असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प कर्म । <span class="GRef"> महापुराण 16. 179-180, 191, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9.35, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 2.154 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:58, 14 November 2020
वृषभदेव द्वारा प्रजा की आजीविका के लिए बताये गये छ: कार्य । वे हैं― असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प कर्म । महापुराण 16. 179-180, 191, हरिवंशपुराण 9.35, पांडवपुराण 2.154