सत्यप्रवाद: Difference between revisions
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<p> पूर्वगत श्रुत का एक भेद । इसमें एक करोड़ छ: पद हैं, जिसमें बारह प्रकार की भाषा तथा दस प्रकार के वचनों का कथन किया गया है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.98,10.91 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> पूर्वगत श्रुत का एक भेद । इसमें एक करोड़ छ: पद हैं, जिसमें बारह प्रकार की भाषा तथा दस प्रकार के वचनों का कथन किया गया है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.98,10.91 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
पूर्वगत श्रुत का एक भेद । इसमें एक करोड़ छ: पद हैं, जिसमें बारह प्रकार की भाषा तथा दस प्रकार के वचनों का कथन किया गया है । हरिवंशपुराण 2.98,10.91