समानदत्ति: Difference between revisions
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<p> चतुर्विधदत्ति का एक भेद । क्रिया, मंत्र और व्रत आदि से जो अपने समान है तथा जो संसार से उद्धार करने वाले हैं उन्हें पृथिवी, स्वर्ण आदि समान बुद्धि से श्रद्धा के साथ दान देना समानदत्ति है । <span class="GRef"> महापुराण 38.38-39 </span>देखें [[ दत्ति ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> चतुर्विधदत्ति का एक भेद । क्रिया, मंत्र और व्रत आदि से जो अपने समान है तथा जो संसार से उद्धार करने वाले हैं उन्हें पृथिवी, स्वर्ण आदि समान बुद्धि से श्रद्धा के साथ दान देना समानदत्ति है । <span class="GRef"> महापुराण 38.38-39 </span>देखें [[ दत्ति ]]</p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
चतुर्विधदत्ति का एक भेद । क्रिया, मंत्र और व्रत आदि से जो अपने समान है तथा जो संसार से उद्धार करने वाले हैं उन्हें पृथिवी, स्वर्ण आदि समान बुद्धि से श्रद्धा के साथ दान देना समानदत्ति है । महापुराण 38.38-39 देखें दत्ति