सवर्णकारिणी: Difference between revisions
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<p> मंत्रों से परिष्कृत, परमकल्याणरूप एक विद्या । धरणेंद्र ने यह विद्या नमि और विनमि को दी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.71-72 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> मंत्रों से परिष्कृत, परमकल्याणरूप एक विद्या । धरणेंद्र ने यह विद्या नमि और विनमि को दी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.71-72 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
देखें विद्या ।
पुराणकोष से
मंत्रों से परिष्कृत, परमकल्याणरूप एक विद्या । धरणेंद्र ने यह विद्या नमि और विनमि को दी थी । हरिवंशपुराण 22.71-72