सहस्रबाहु: Difference between revisions
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<p> जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में कोशल देश के साकेतनगर का राजा । कान्यकुब्ज देश के राजा पारत की पुत्री चित्रमती इसकी रानी और कृतवीर पुत्र था । इसके चाचा शतबिंदु थे तथा जमदग्नि चचेरे भाई । जमदग्नि के इंद्र और श्वेतराम दो पुत्र थे । एक दिन यह अपने पुत्र कृतवीर के साथ जमदग्नि के तपोवन पहुँचा । वहाँ कृतवीर ने मौसी रेणुकी से कामधेनु की याचना की और रेणुकी के स्वीकृति न देने पर जमदग्नि को मारकर यह नगर की ओर चला गया था । जमदग्नि का मरण सुनकर जमदग्नि के दोनों पुत्र अयोध्या की ओर गये तथा वहाँ संग्राम कर उन्होंने उसे मार दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 65.56-60, 92, 99-112 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में कोशल देश के साकेतनगर का राजा । कान्यकुब्ज देश के राजा पारत की पुत्री चित्रमती इसकी रानी और कृतवीर पुत्र था । इसके चाचा शतबिंदु थे तथा जमदग्नि चचेरे भाई । जमदग्नि के इंद्र और श्वेतराम दो पुत्र थे । एक दिन यह अपने पुत्र कृतवीर के साथ जमदग्नि के तपोवन पहुँचा । वहाँ कृतवीर ने मौसी रेणुकी से कामधेनु की याचना की और रेणुकी के स्वीकृति न देने पर जमदग्नि को मारकर यह नगर की ओर चला गया था । जमदग्नि का मरण सुनकर जमदग्नि के दोनों पुत्र अयोध्या की ओर गये तथा वहाँ संग्राम कर उन्होंने उसे मार दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 65.56-60, 92, 99-112 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में कोशल देश के साकेतनगर का राजा । कान्यकुब्ज देश के राजा पारत की पुत्री चित्रमती इसकी रानी और कृतवीर पुत्र था । इसके चाचा शतबिंदु थे तथा जमदग्नि चचेरे भाई । जमदग्नि के इंद्र और श्वेतराम दो पुत्र थे । एक दिन यह अपने पुत्र कृतवीर के साथ जमदग्नि के तपोवन पहुँचा । वहाँ कृतवीर ने मौसी रेणुकी से कामधेनु की याचना की और रेणुकी के स्वीकृति न देने पर जमदग्नि को मारकर यह नगर की ओर चला गया था । जमदग्नि का मरण सुनकर जमदग्नि के दोनों पुत्र अयोध्या की ओर गये तथा वहाँ संग्राम कर उन्होंने उसे मार दिया था । महापुराण 65.56-60, 92, 99-112