सहस्रभाग: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> रत्नपुर नगर के श्रेष्ठी गोमुख और उसकी पत्नी धरणी का पुत्र । इसने सम्यग्दर्शन प्राप्त कर अणुव्रत धारण किये थे । अंत में यह मरकर शुक्र स्वर्ग में देव हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 13.60-61 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> रत्नपुर नगर के श्रेष्ठी गोमुख और उसकी पत्नी धरणी का पुत्र । इसने सम्यग्दर्शन प्राप्त कर अणुव्रत धारण किये थे । अंत में यह मरकर शुक्र स्वर्ग में देव हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 13.60-61 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:58, 14 November 2020
रत्नपुर नगर के श्रेष्ठी गोमुख और उसकी पत्नी धरणी का पुत्र । इसने सम्यग्दर्शन प्राप्त कर अणुव्रत धारण किये थे । अंत में यह मरकर शुक्र स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण 13.60-61