सुखोदयक्रिया: Difference between revisions
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<p> गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में इंद्र-पद की प्राप्ति कराने वाली छत्तीसवीं क्रिया । इस क्रिया से पुण्यात्मा श्रावक इंद्र के योग्य सुख भोगते हुए देवलोक में रहता है । <span class="GRef"> महापुराण 38.60, 200-201 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में इंद्र-पद की प्राप्ति कराने वाली छत्तीसवीं क्रिया । इस क्रिया से पुण्यात्मा श्रावक इंद्र के योग्य सुख भोगते हुए देवलोक में रहता है । <span class="GRef"> महापुराण 38.60, 200-201 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
गर्भान्वय की त्रेपन क्रियाओं में इंद्र-पद की प्राप्ति कराने वाली छत्तीसवीं क्रिया । इस क्रिया से पुण्यात्मा श्रावक इंद्र के योग्य सुख भोगते हुए देवलोक में रहता है । महापुराण 38.60, 200-201