सुवर्णतिलक: Difference between revisions
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<p> विजयार्ध पर्वत की अलका नगरी के राजा विद्युद्दंष्ट्र विद्याधर का पौत्र और सिंहरथ का पुत्र । सिंहरथ ने इसे ही राज्य देकर मुनि धनरथ से दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.241, 252-254 </span>सुवर्णतिलका― धातकीखंड द्वीप के ऐरावत क्षेत्र मं स्थित तिलकनगर के राजा अभयघोष की रानी । इसके विजय और जयंत दो पुत्र थे । पृथिवीतिलका इसकी सौत थी । राजा के उसमें आसक्त हो जाने से विरक्त होकर इसने सुमति गणिनी से आर्यिका-दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.168-175 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> विजयार्ध पर्वत की अलका नगरी के राजा विद्युद्दंष्ट्र विद्याधर का पौत्र और सिंहरथ का पुत्र । सिंहरथ ने इसे ही राज्य देकर मुनि धनरथ से दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.241, 252-254 </span>सुवर्णतिलका― धातकीखंड द्वीप के ऐरावत क्षेत्र मं स्थित तिलकनगर के राजा अभयघोष की रानी । इसके विजय और जयंत दो पुत्र थे । पृथिवीतिलका इसकी सौत थी । राजा के उसमें आसक्त हो जाने से विरक्त होकर इसने सुमति गणिनी से आर्यिका-दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.168-175 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
विजयार्ध पर्वत की अलका नगरी के राजा विद्युद्दंष्ट्र विद्याधर का पौत्र और सिंहरथ का पुत्र । सिंहरथ ने इसे ही राज्य देकर मुनि धनरथ से दीक्षा ली थी । महापुराण 63.241, 252-254 सुवर्णतिलका― धातकीखंड द्वीप के ऐरावत क्षेत्र मं स्थित तिलकनगर के राजा अभयघोष की रानी । इसके विजय और जयंत दो पुत्र थे । पृथिवीतिलका इसकी सौत थी । राजा के उसमें आसक्त हो जाने से विरक्त होकर इसने सुमति गणिनी से आर्यिका-दीक्षा ले ली थी । महापुराण 62.168-175