सेनापति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li>सेनापति कहिए सेना का नायक। (<span class="GRef"> त्रिलोकसार/ </span>टी./683); </li> | <li>सेनापति कहिए सेना का नायक। (<span class="GRef"> त्रिलोकसार/ </span>टी./683); </li> | ||
Line 15: | Line 16: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> चक्रवर्ती भरतेश के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न । <span class="GRef"> महापुराण 37. 83-84, 86 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> चक्रवर्ती भरतेश के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न । <span class="GRef"> महापुराण 37. 83-84, 86 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:59, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
- सेनापति कहिए सेना का नायक। ( त्रिलोकसार/ टी./683);
- चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में से एक-देखें शलाकापुरुष - 2।
पुराणकोष से
चक्रवर्ती भरतेश के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न । महापुराण 37. 83-84, 86