सौधर्मेंद्र: Difference between revisions
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<p> सौधर्म स्वर्ग का इंद्र । यह जिन शिशु को अपनी अंक में बैठाकर सुमेरु पर्वत पर ले जाता है तथा वहाँ एक हजार कलशों से उनका अभिषेक करता है । <span class="GRef"> महापुराण 13.47, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 8.103, 9. 2-18 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सौधर्म स्वर्ग का इंद्र । यह जिन शिशु को अपनी अंक में बैठाकर सुमेरु पर्वत पर ले जाता है तथा वहाँ एक हजार कलशों से उनका अभिषेक करता है । <span class="GRef"> महापुराण 13.47, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 8.103, 9. 2-18 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
सौधर्म स्वर्ग का इंद्र । यह जिन शिशु को अपनी अंक में बैठाकर सुमेरु पर्वत पर ले जाता है तथा वहाँ एक हजार कलशों से उनका अभिषेक करता है । महापुराण 13.47, वीरवर्द्धमान चरित्र 8.103, 9. 2-18