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<p> विजयार्ध पर्वत का एक नगर । इस नगर के राजा अमितवेग की पुत्री मणिमती को विद्या की सिद्धि में मग्न देखकर रावण उस पर मोहित हो गया था । उसने मणिमती की विद्या हर ली थी । उसकी विद्या-सिद्धि में विश्व डाला था अत मणिमती ने आगामी भव में रावण की पुत्री होकर उसके वध का निदान किया था । <span class="GRef"> महापुराण 68.12-19 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> विजयार्ध पर्वत का एक नगर । इस नगर के राजा अमितवेग की पुत्री मणिमती को विद्या की सिद्धि में मग्न देखकर रावण उस पर मोहित हो गया था । उसने मणिमती की विद्या हर ली थी । उसकी विद्या-सिद्धि में विश्व डाला था अत मणिमती ने आगामी भव में रावण की पुत्री होकर उसके वध का निदान किया था । <span class="GRef"> महापुराण 68.12-19 </span></p> | ||
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Revision as of 16:59, 14 November 2020
विजयार्ध पर्वत का एक नगर । इस नगर के राजा अमितवेग की पुत्री मणिमती को विद्या की सिद्धि में मग्न देखकर रावण उस पर मोहित हो गया था । उसने मणिमती की विद्या हर ली थी । उसकी विद्या-सिद्धि में विश्व डाला था अत मणिमती ने आगामी भव में रावण की पुत्री होकर उसके वध का निदान किया था । महापुराण 68.12-19