चारित्रपाहुड़ देशभाषा वचनिका प्रतिज्ञा: Difference between revisions
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* [[ आचार्य कुंद्कुंद]] | |||
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Revision as of 18:33, 5 December 2013
दोहा
वीतराग सर्वज्ञ जिन वन्दूं मन वच काय ।
चारित धर्म बखानियो साञ्चो मोक्ष उपाय ॥१॥
कुन्दकुन्द मुनिराजकृत चारितपाहुड ग्रन्थ ।
प्राकृत गाथा बन्ध की करूँ वचनिका पन्थ ॥२॥
इसप्रकार मंगलपूर्वक प्रतिज्ञा करके अब चारित्रपाहुड़ प्राकृत गाथाबंध की देशभाषामय वचनिका का हिन्दी अनुवाद लिखा जाता है, श्री कुन्दकुन्द आचार्य प्रथम ही मंगल के लिए इष्टदेव को नमस्कार करके चारित्रपाहुड़ को कहने की प्रतिज्ञा करते हैं -