रत्नकरंड श्रावकाचार - श्लोक19: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:56, 17 May 2021
तावदंजनचौरोऽंगे ततोऽनंतमति स्मृता ।
उद्दायनस्तृतीयेऽपि तुरीये रेवती मता ।।19।।