हरिभद्र: Difference between revisions
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<li><span class="HindiText">महातार्किक तथा दार्शनिक प्रसिद्ध श्वेतांबराचार्य। कृतियें-षड्दर्शन समुच्चय, जंबूदीव संघायणी, लीला विस्तार टीका। समय-वि.585 में स्वर्गवास। अत: ई.480-528। (<span class="GRef"> दर्शनसार </span> | <li><span class="HindiText">महातार्किक तथा दार्शनिक प्रसिद्ध श्वेतांबराचार्य। कृतियें-षड्दर्शन समुच्चय, जंबूदीव संघायणी, लीला विस्तार टीका। समय-वि.585 में स्वर्गवास। अत: ई.480-528। (<span class="GRef"> दर्शनसार प्र.28/प्रेमीजी </span>)।</span></li> | ||
<li><span class="HindiText">याकिनीसूनु के नाम से प्रसिद्ध श्वेतांबराचार्य। कृति-तत्त्वार्थाधिगम भाष्य की स्वोपज्ञ टीका इत्यादि सैकड़ों ग्रंथ। समय-वि.श.8-9। (जै./2/300,375)। </span></li> | <li><span class="HindiText">याकिनीसूनु के नाम से प्रसिद्ध श्वेतांबराचार्य। कृति-तत्त्वार्थाधिगम भाष्य की स्वोपज्ञ टीका इत्यादि सैकड़ों ग्रंथ। समय-वि.श.8-9। (जै./2/300,375)। </span></li> | ||
<li><span class="HindiText">मानवदेव उपाध्याय के शिष्य श्वेतांबराचार्य। समय-वि.1172। (जै.1/432)।</span></li> | <li><span class="HindiText">मानवदेव उपाध्याय के शिष्य श्वेतांबराचार्य। समय-वि.1172। (जै.1/432)।</span></li> |
Revision as of 08:08, 23 May 2021
- महातार्किक तथा दार्शनिक प्रसिद्ध श्वेतांबराचार्य। कृतियें-षड्दर्शन समुच्चय, जंबूदीव संघायणी, लीला विस्तार टीका। समय-वि.585 में स्वर्गवास। अत: ई.480-528। ( दर्शनसार प्र.28/प्रेमीजी )।
- याकिनीसूनु के नाम से प्रसिद्ध श्वेतांबराचार्य। कृति-तत्त्वार्थाधिगम भाष्य की स्वोपज्ञ टीका इत्यादि सैकड़ों ग्रंथ। समय-वि.श.8-9। (जै./2/300,375)।
- मानवदेव उपाध्याय के शिष्य श्वेतांबराचार्य। समय-वि.1172। (जै.1/432)।