पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 41: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class=" | <div class="G_PrakritGatha"> | ||
<p>दंसणमवि चक्खुजुदं अचक्खुजुदमवि य ओहिणा सहियं । (41)</p> | <p>दंसणमवि चक्खुजुदं अचक्खुजुदमवि य ओहिणा सहियं । (41)</p> | ||
<p>अणिधणमणन्तविसयं केवलियं चावि पण्णत्तं ॥48॥</p> | <p>अणिधणमणन्तविसयं केवलियं चावि पण्णत्तं ॥48॥</p> | ||
</div> | </div> |
Latest revision as of 10:55, 21 August 2021
दंसणमवि चक्खुजुदं अचक्खुजुदमवि य ओहिणा सहियं । (41)
अणिधणमणन्तविसयं केवलियं चावि पण्णत्तं ॥48॥