कटक: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<span class="GRef"> धवला 14/5,6,42/40/1 </span><span class="PrakritText">वंसकंबीहि अण्णोण्णजणणाए जे किज्जंति घरावणादिवारणं ढंकणट्ठं ते कड्याणाम।</span>=<span class="HindiText">बाँस की कमचियों के द्वारा परस्पर बुनकर घर और अवन आदि के ढाँकने के लिए जो बनायी जाती हैं, वे कटक अर्थात् चटाई कहलाती हैं। </span> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 13: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
< | <span class="HindiText"> <p> कर का आभूषण (कड़ा) । नर और नारियाँ दोनों इसे पहनते थे । <span class="GRef"> महापुराण 3.27, 7.235, 14.12, 15.199, 16.236, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 3.193 </span> | ||
</ | </span> | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 17:44, 4 July 2022
सिद्धांतकोष से
धवला 14/5,6,42/40/1 वंसकंबीहि अण्णोण्णजणणाए जे किज्जंति घरावणादिवारणं ढंकणट्ठं ते कड्याणाम।=बाँस की कमचियों के द्वारा परस्पर बुनकर घर और अवन आदि के ढाँकने के लिए जो बनायी जाती हैं, वे कटक अर्थात् चटाई कहलाती हैं।
पुराणकोष से
कर का आभूषण (कड़ा) । नर और नारियाँ दोनों इसे पहनते थे । महापुराण 3.27, 7.235, 14.12, 15.199, 16.236, पद्मपुराण 3.193 पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ