कर्मक्षय व्रत: Difference between revisions
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व्रत विधान संग्रह/121 कुल समय=296 दिन; कुल उपवास=148; कुल पारणा=148।। विधि—सात प्रकृतियों के नाशार्थ 7 चतुर्थियों के 7 उपवास; तीन प्रकृतियों के नाशार्थ 3 सप्तमियों के 3 उपवास; छत्तीस प्रकृतियों के नाशार्थ 36 नवमियों को 36 उपवास; एक प्रकृति के नाशार्थ 1 दशमी का 1 उपवास। 16 प्रकृतियों के नाशार्थ 16 द्वादशियों के 16 उपवास और 85 प्रकृतियों के नाशार्थ 85 चतुर्दशियों के 85 उपवास। इस प्रकार कुल 148 उपवास पूरे करे। ‘‘ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण/34/121 296 </span>दिन तक लगातार 1 उपवास व 1 पारणा के क्रम से 148 उपवास व 148 ही पारणा करे। ‘‘सर्वकर्मरहिताय सिद्धाय नम:’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। | <span class="HindiText"> व्रत विधान संग्रह/121 कुल समय=296 दिन; कुल उपवास=148; कुल पारणा=148।। विधि—सात प्रकृतियों के नाशार्थ 7 चतुर्थियों के 7 उपवास; तीन प्रकृतियों के नाशार्थ 3 सप्तमियों के 3 उपवास; छत्तीस प्रकृतियों के नाशार्थ 36 नवमियों को 36 उपवास; एक प्रकृति के नाशार्थ 1 दशमी का 1 उपवास। 16 प्रकृतियों के नाशार्थ 16 द्वादशियों के 16 उपवास और 85 प्रकृतियों के नाशार्थ 85 चतुर्दशियों के 85 उपवास। इस प्रकार कुल 148 उपवास पूरे करे। ‘‘ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण/34/121 296 </span>दिन तक लगातार 1 उपवास व 1 पारणा के क्रम से 148 उपवास व 148 ही पारणा करे। ‘‘सर्वकर्मरहिताय सिद्धाय नम:’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। | ||
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Revision as of 15:00, 18 July 2022
व्रत विधान संग्रह/121 कुल समय=296 दिन; कुल उपवास=148; कुल पारणा=148।। विधि—सात प्रकृतियों के नाशार्थ 7 चतुर्थियों के 7 उपवास; तीन प्रकृतियों के नाशार्थ 3 सप्तमियों के 3 उपवास; छत्तीस प्रकृतियों के नाशार्थ 36 नवमियों को 36 उपवास; एक प्रकृति के नाशार्थ 1 दशमी का 1 उपवास। 16 प्रकृतियों के नाशार्थ 16 द्वादशियों के 16 उपवास और 85 प्रकृतियों के नाशार्थ 85 चतुर्दशियों के 85 उपवास। इस प्रकार कुल 148 उपवास पूरे करे। ‘‘ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। हरिवंशपुराण/34/121 296 दिन तक लगातार 1 उपवास व 1 पारणा के क्रम से 148 उपवास व 148 ही पारणा करे। ‘‘सर्वकर्मरहिताय सिद्धाय नम:’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे।