कल्याणजय: Difference between revisions
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< | <span class="HindiText"> समवसरण की वेदिकाओं से बद्ध वीथियों के बीच का स्थान । यह प्रकाशभय कदलीवृक्षों से सुशोभित रहता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.67 </span> | ||
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Revision as of 11:25, 22 July 2022
समवसरण की वेदिकाओं से बद्ध वीथियों के बीच का स्थान । यह प्रकाशभय कदलीवृक्षों से सुशोभित रहता है । हरिवंशपुराण 57.67