काष्ठांगारिक: Difference between revisions
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< | <span class="HindiText"> हेमांगद देश में राजपुर नगर के राजा सत्यंधर का मंत्री । इसने राजा सत्यंधर के पुत्र को अपना हंता जानकर तथा पुरोहित पर विश्वास कर अनेक नृपों के साथ सत्यंधर पर आक्रमण किया था किंतु पराजित हो गया था । इसने अपने पुत्र काष्ठांगारिक के सहयोग से पुन: आक्रमण किया । इस बार वह विजयी हुआ और सत्यंधर को मारकर स्वयं राजा बन गया । अंत में जीवंधरकुमार द्वारा चलाये गये चक्र से यह भी मरण को प्राप्त हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 75.188-222, 659-667 </span> | ||
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Revision as of 15:55, 25 July 2022
हेमांगद देश में राजपुर नगर के राजा सत्यंधर का मंत्री । इसने राजा सत्यंधर के पुत्र को अपना हंता जानकर तथा पुरोहित पर विश्वास कर अनेक नृपों के साथ सत्यंधर पर आक्रमण किया था किंतु पराजित हो गया था । इसने अपने पुत्र काष्ठांगारिक के सहयोग से पुन: आक्रमण किया । इस बार वह विजयी हुआ और सत्यंधर को मारकर स्वयं राजा बन गया । अंत में जीवंधरकुमार द्वारा चलाये गये चक्र से यह भी मरण को प्राप्त हुआ । महापुराण 75.188-222, 659-667