अमृताशीति: Difference between revisions
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<p>आचार्य योगेंदुदेव (ई.श.6) द्वारा रचित उपदेशमूलक विभिन्न छंदबद्ध अपभ्रंश भाषाके 82 पद्य हैं। प्रेमीजीके अनुसार ये छंद इन्हीं द्वारा विरचित अध्यात्म संदोहके हैं।</p> | <p>'''आचार्य योगेंदुदेव (ई.श.6) द्वारा रचित उपदेशमूलक विभिन्न छंदबद्ध अपभ्रंश भाषाके 82 पद्य हैं। प्रेमीजीके अनुसार ये छंद इन्हीं द्वारा विरचित अध्यात्म संदोहके हैं।'''</p> | ||
<p>( परमात्मप्रकाश / प्रस्तावना 116 H.L.Jain)</p> | <p>'''( परमात्मप्रकाश / प्रस्तावना 116 H.L.Jain)'''</p> | ||
Revision as of 16:03, 22 August 2022
आचार्य योगेंदुदेव (ई.श.6) द्वारा रचित उपदेशमूलक विभिन्न छंदबद्ध अपभ्रंश भाषाके 82 पद्य हैं। प्रेमीजीके अनुसार ये छंद इन्हीं द्वारा विरचित अध्यात्म संदोहके हैं।
( परमात्मप्रकाश / प्रस्तावना 116 H.L.Jain)