अयशःकीर्ति: Difference between revisions
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<p><big>देखें [[ यशःकीर्ति ]]।</big></p> | <p><big> जिस कर्म के उदय से विद्यमान अवगुणों का उद्भावन लोक द्वारा किया जाता है, उस कर्म की ‘अयशःकीर्ति’ यह संज्ञा है। देखें [[ यशःकीर्ति ]]।</big></p> | ||
Revision as of 16:44, 22 August 2022
जिस कर्म के उदय से विद्यमान अवगुणों का उद्भावन लोक द्वारा किया जाता है, उस कर्म की ‘अयशःकीर्ति’ यह संज्ञा है। देखें यशःकीर्ति ।