आनर्थक्य: Difference between revisions
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<p class="SanskritText">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/32/370/2 यावताऽर्थेनोपभोगपरिभोगौ सोऽर्थस्ततोऽन्यस्याधिक्यमानर्थक्यम्।</p> | <p class="SanskritText">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/32/370/2 यावताऽर्थेनोपभोगपरिभोगौ सोऽर्थस्ततोऽन्यस्याधिक्यमानर्थक्यम्।</p> | ||
<p class="HindiText">= उपयोग | <p class="HindiText">= उपयोग परिभोग के लिए जितनी वस्तु की आवश्यकता है सो अर्थ है उससे अतिरिक्त अधिक वस्तु रखना उपभोग परिभोगानर्थक्य है।</p> | ||
Revision as of 20:18, 24 August 2022
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/32/370/2 यावताऽर्थेनोपभोगपरिभोगौ सोऽर्थस्ततोऽन्यस्याधिक्यमानर्थक्यम्।
= उपयोग परिभोग के लिए जितनी वस्तु की आवश्यकता है सो अर्थ है उससे अतिरिक्त अधिक वस्तु रखना उपभोग परिभोगानर्थक्य है।