द्वादशी व्रत: Difference between revisions
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12 वर्ष पर्यंत प्रतिवर्ष भाद्रपद शु.12 को उपवास करे। ‘‘ॐ ह्रीं अर्हद्भयो नम:’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.122); (जैन व्रत कथा)