लाटी संहिता: Difference between revisions
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षं. राजमल्लजी ने ई. 1584 में रचा था। यह श्रावकाचार विषयक ग्रंथ है। इसमें 7 सर्ग और कुल 1400 श्लोक हैं। (ती. /4/80)। | <div class="HindiText">षं. राजमल्लजी ने ई. 1584 में रचा था। यह श्रावकाचार विषयक ग्रंथ है। इसमें 7 सर्ग और कुल 1400 श्लोक हैं। (ती. /4/80)। | ||
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Revision as of 15:57, 12 September 2022
षं. राजमल्लजी ने ई. 1584 में रचा था। यह श्रावकाचार विषयक ग्रंथ है। इसमें 7 सर्ग और कुल 1400 श्लोक हैं। (ती. /4/80)।