शिवार्य: Difference between revisions
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Revision as of 21:52, 17 September 2022
वास्तव में इनका ही नाम शिवकोटि था, क्योंकि भगवज्जिनसेन ने आदि पुराण में इसी नाम का उल्लेख किया है। आर्य तो इनका विशेषण था जैसे कि स्वयं इन्होंने अपने तीनों गुरुओं के नाम के साथ आर्य विशेषण जोड़कर उल्लेख किया है। ( महापुराण/ प्र.45 पं.पन्नालाल) देखें शिवकोटि ।