चेदि: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> मालवा प्रांत (इंदौर आदि) की वर्तमान चंदेरी नगरी के समीपवर्ती प्रदेश। अब यह ग्वालियर राज्य में है। (<span class="GRef"> महापुराण/ </span>प्र.50/पं.पन्नालाल)। </li> | <li> मालवा प्रांत (इंदौर आदि) की वर्तमान चंदेरी नगरी के समीपवर्ती प्रदेश। अब यह ग्वालियर राज्य में है। (<span class="GRef"> महापुराण/ </span>प्र.50/पं.पन्नालाल)। </li> | ||
<li> भरतक्षेत्र आर्यखंड का एक देश–देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]। </li> | <li> भरतक्षेत्र आर्यखंड का एक देश–देखें [[ मनुष्य#4.4 | मनुष्य - 4.4]] । </li> | ||
<li> विंध्याचल पर स्थित एक नगर–देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]। </li> | <li> विंध्याचल पर स्थित एक नगर–देखें [[ मनुष्य#4.4 | मनुष्य - 4.4]] । </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 17: | Line 17: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) कर्मभूमि के आरंभिक काल का अभिचंद्र के द्वारा विंध्याचल के पास बसाया गया एक देश । यहाँ वृषभदेव ने विहार किया था । भरत चक्रवर्ती ने इस देश को जीता था । <span class="GRef"> महापुराण 16. 141-148, 155, 25. 287-288, 29.41, 55,57,</span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 17.36 </span></p> | ||
<p id="2">(2) चेदि देश के पास का एक पर्वत । भरतेश ने इसे लांघकर ही चेदि देश को जीता था । <span class="GRef"> महापुराण 29.55 </span></p> | <p id="2">(2) चेदि देश के पास का एक पर्वत । भरतेश ने इसे लांघकर ही चेदि देश को जीता था । <span class="GRef"> महापुराण 29.55 </span></p> | ||
</div> | </div> |
Revision as of 15:46, 19 September 2022
सिद्धांतकोष से
- मालवा प्रांत (इंदौर आदि) की वर्तमान चंदेरी नगरी के समीपवर्ती प्रदेश। अब यह ग्वालियर राज्य में है। ( महापुराण/ प्र.50/पं.पन्नालाल)।
- भरतक्षेत्र आर्यखंड का एक देश–देखें मनुष्य - 4.4 ।
- विंध्याचल पर स्थित एक नगर–देखें मनुष्य - 4.4 ।
पुराणकोष से
(1) कर्मभूमि के आरंभिक काल का अभिचंद्र के द्वारा विंध्याचल के पास बसाया गया एक देश । यहाँ वृषभदेव ने विहार किया था । भरत चक्रवर्ती ने इस देश को जीता था । महापुराण 16. 141-148, 155, 25. 287-288, 29.41, 55,57, हरिवंशपुराण 17.36
(2) चेदि देश के पास का एक पर्वत । भरतेश ने इसे लांघकर ही चेदि देश को जीता था । महापुराण 29.55