व्याप्य: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
ParidhiSethi (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol> | <ol> | ||
<li> व्याप्य व्यापक | <li> व्याप्य व्यापक संबंध–साहचर्य नियमरूप व्याप्तिक्रिया का जो कर्म है उसे व्याप्य कहते हैं,...व्याप्ति का जो कर्म है - विषय है वह व्याप्य कहलाता है।...अग्नि धूम को व्याप्त करती है, किंतु धूम अग्नि को व्याप्त नहीं करता। देखें [[ संबंध ]]। </li> | ||
<li> व्याप्य हेतु–देखें [[ हेतु ]]। </li> | <li> व्याप्य हेतु–देखें [[ हेतु ]]। </li> | ||
<li> व्याप्यासिद्ध हेत्वाभास–देखें [[ असिद्ध ]]। </li> | <li> व्याप्यासिद्ध हेत्वाभास–देखें [[ असिद्ध ]]। </li> |