त्रिगुणसारव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
ShrutiJain (talk | contribs) No edit summary |
ShrutiJain (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
''व्रतविधान सं./59'' क्रमश: 1,1,2,3,4,5,4,4,3,2,1 इस प्रकार 30 उपवास करें। बीच के 10 स्थान व अंत में एक-एक परणा करे। जाप-नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य। | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 22:00, 21 September 2022
व्रतविधान सं./59 क्रमश: 1,1,2,3,4,5,4,4,3,2,1 इस प्रकार 30 उपवास करें। बीच के 10 स्थान व अंत में एक-एक परणा करे। जाप-नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य।