वसुमित्र: Difference between revisions
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Revision as of 08:57, 23 September 2022
सिद्धांतकोष से
मगध देश की राज्य वंशावली के अनुसार यह शक जाति का एक सरदार था, जिसने मौर्यकाल में ही मगध देश के किसी एक भाग पर अपना अधिकार जमा रखा था। अपरनाम बलमित्र था और अग्निमित्र का समकालीन था। समय - वी.नि.285-345 (ई.पू.246-181) - देखें इतिहास - 3.4।
पुराणकोष से
(1) तीर्थंकर वृषभदेव के छत्तीसवें गणधर । हरिवंशपुराण 12.61
(2) कृष्ण की पटरानी जांबवती के पूर्वभव का पति वीतशोकनगर के दमन वैश्य और उसकी स्त्री देवमति की पुत्री देविला की पर्याय में जांबवती का इससे विवाह हुआ था । यह विवाह के पश्चात् कुछ ही वर्ष जीवित रहा । इसके मर जाने से देविला ने व्रत ग्रहण कर लिये थे । महापुराण 71.360-361 देखें देविका - 2