भास्करनंदि: Difference between revisions
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तत्त्वार्थसूत्र की सुखबोधिनी वृत्ति (संस्कृत) तथा ध्यानस्तव के रचयिता। जिनचंद्र के शिष्य। समय–वि.श. 14 का अंत (ई. श.14)। ( | तत्त्वार्थसूत्र की सुखबोधिनी वृत्ति (संस्कृत) तथा ध्यानस्तव के रचयिता। जिनचंद्र के शिष्य। समय–वि.श. 14 का अंत (ई. श.14)। <span class="GRef"> (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/309)</span>। <span class="GRef"> (जैन धर्म का इतिहास /2/266)</span>। | ||
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Latest revision as of 15:24, 29 September 2022
तत्त्वार्थसूत्र की सुखबोधिनी वृत्ति (संस्कृत) तथा ध्यानस्तव के रचयिता। जिनचंद्र के शिष्य। समय–वि.श. 14 का अंत (ई. श.14)। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/309)। (जैन धर्म का इतिहास /2/266)।