अद्भुतवीर्य
From जैनकोष
सिद्ध के आठ गुणों में एक गुण । इस गुण के कारण सिद्धों को संसार के समस्त पदार्थों के जानने में कोई परिश्रम या खेद नहीं होता, कोई पदार्थ प्रतिघातक भी नहीं होता । महापुराण 20.222-2 23, 24.62,42.99 देखें सिद्ध
सिद्ध के आठ गुणों में एक गुण । इस गुण के कारण सिद्धों को संसार के समस्त पदार्थों के जानने में कोई परिश्रम या खेद नहीं होता, कोई पदार्थ प्रतिघातक भी नहीं होता । महापुराण 20.222-2 23, 24.62,42.99 देखें सिद्ध