धृतिषेण
From जैनकोष
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप भद्रबाहु प्रथम (श्रुतकेवली) के पश्चात् सातवें ११ अंग १० पूर्वधारी थे। समय‒वी.नि.२६४-२८२; (ई.पू.२६३-२४५)‒ देखें - इतिहास / ४ / ४ ।
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप भद्रबाहु प्रथम (श्रुतकेवली) के पश्चात् सातवें ११ अंग १० पूर्वधारी थे। समय‒वी.नि.२६४-२८२; (ई.पू.२६३-२४५)‒ देखें - इतिहास / ४ / ४ ।