अर्द्ध नाराच
From जैनकोष
जिस कर्म के उदय से हाड़ों की संधियाँ नाराच से आधी बिंधी हुई होती हैं, वह संहनन नामकर्म का चौथा भेद अर्धनाराच शरीर संहनन नामकर्म है।
अधिक जानकारी के लिए देखें संहनन - 3
जिस कर्म के उदय से हाड़ों की संधियाँ नाराच से आधी बिंधी हुई होती हैं, वह संहनन नामकर्म का चौथा भेद अर्धनाराच शरीर संहनन नामकर्म है।
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